श्वसन तंत्र (Respiration System)
श्वसन क्रिया में व O2 की उपस्थिति में जटिल भोज्य पदार्थों का अपघटन सरल भोज्य पदार्थों, CO2 तथा जल में होता है तथा ऊर्जा मुक्त होती है।- श्वसन दो प्रकार का होता है- बाह्य श्वसन एवं आंतरिक श्वसन।
- फेफड़ों में होने वाले गैसीय विनिमय को बाह्य श्वसन कहते हैं।
- निश्वसन (Inspiration) में वायु ग्रहण की जाती है तथा उच्छवसन (Espiration) क्रिया में फेफड़ों से वायु बाहर निकलती है। एक बार सांस लेने की क्रिया 5 सेकण्ड में अर्थात् 2 सेकण्ड में निश्वसन तथा 3 सेकण्ड में उच्छश्वसन होता है।
- श्वसन में 21% ऑक्सीजन ग्रहण की जाती है एवं 16% ऑक्सीजन वापस छोड़ी जाती है। इसी प्रकार CO2 - 0.03% ग्रहण की जाती है एवं 4% वापस छोड़ी जाती है।
- सांस द्वारा लगभग 400 उस पानी प्रतिदिन हमारे शरीर से बाहर निकलता है।
- शरीर के अन्दर रूधिर एवं ऊतक द्रव्य के बीच गैसीय विनिमय होता है, उसे आन्तरिक श्वसन कहते हैं।
- आन्तरिक श्वसन दो प्रकार का होता है- अनॉक्सी श्वसन तथा ऑक्सीश्वसन।
- अनॉक्सीश्वसन में ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लूकोज (C6H12O6) का विघटन एथिल एल्कोहल व CO2 में होता है। इसमें 2 A.T.P ऊर्जा प्राप्त होती है।
- ऑक्सीश्वसन में ऑक्सीजन की उपस्थिति में ग्लूकोस का विघटन CO2 व जल (H2O) के रूप में होता है व 36 A.T.P ऊर्जा मुक्त होती है।
- सम्पूर्ण आन्तरिक या कोशकीय श्वसन में एक अणु ग्लुकोस से 38 A.T.P.ऊर्जा मुक्त होती है।
- मनुष्य में श्वसन तंत्र में नसिका रन्ध्र, श्वासनली, कूपिका वाहिनी, फेफड़े तथा डायफ्राम प्रमुख अंग होते हैं।
- श्वसन दर स्पीरोमीटर से नापते हैं।
- वयस्क पुरूष में श्वसन दर - 14.16/min। श्वसन गुणांक एक होता है।
- नवजात शिशु में श्वसन दर - लगभग 44/min।
- प्राणी - मछली, झींगा, सीप आदि क्लोम द्वारा। छिपकली, पक्षी, मनुष्य आदि फुफ्फुस द्वारा। केंचुआ त्वचा द्वारा। टिड्डे, मक्खी, तिलचट्ट आदि श्वासनली द्वारा श्वसन करते हैं।
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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी